मैं तेरा राग देखना चाहता हूँ। मैं तेरा राग देखना चाहता हूँ।
प्यार और विश्वास की चाभी के संग इसको करो सुरक्षित l प्यार और विश्वास की चाभी के संग इसको करो सुरक्षित l
जीत क्या मिली किसी को, जीत में भी हार थी, जीत क्या मिली किसी को, जीत में भी हार थी,
यह कविता इंसानियत भूल चुके इंसान को नया राह दिखाती है। यह कविता इंसानियत भूल चुके इंसान को नया राह दिखाती है।
ये गुस्सा है अपने अंदर एक, प्रेत की निशानी, जिसको खत्म करना जरूरी है, मेरे जानी...! ये गुस्सा है अपने अंदर एक, प्रेत की निशानी, जिसको खत्म करना जरूरी है, मेरे जानी....
मुँह पर मीठी बोलते, दिल में रखते द्वेष। ये आस्तीन के साँप हैं, इनसे रहें सचेत।। मुँह पर मीठी बोलते, दिल में रखते द्वेष। ये आस्तीन के साँप हैं, इनसे रहें सचे...